Life changing thoughts Self Motivation ‘डर’ का सामना दोस्त की तरह करने की कोशिश करिए।

‘डर’ का सामना दोस्त की तरह करने की कोशिश करिए।

‘डर’ का सामना दोस्त की तरह करने की कोशिश करिए।

क्या आप भी एवरेज से बाहर निकलना चाहते हैं? क्या आप भी ऑसम बनना चाहते हैं? लेकिन आपको मालुम नहीं है कि स्टार्ट कहाँ से करना है?यहाँ आपके लिए एक टिप भी है. वो ये है कि अगर आपको बेहतरीन बनना है तो फिर डर को फेस करिए.आपको पता होना चाहिए कि डर आपको आपके सपने से दूर कर सकता है. इसलिए ज़रूरी है कि इस डर को दूर किया जाए. लेकिन सवाल वही है कि आखिर ये कैसे किया जाएगा? इसके लिए सबसे पहले आपको ये समझना चाहिए कि आखिर डर काम कैसे करता है? ये आपको आपके ड्रीम से दूर करता है. ये आपके दिमाग के साथ खेलता है. ये दिमाग को भरोसे में लेते हुए उसे समझाता है कि गोल में कोई दम नहीं है. आपके ये गोल्स प्रैक्टिकल नहीं हैं. डर आपके दिमाग में डाउट क्रिएट करता है. लेकिन आपको इस डाउट में आने की ज़रूरत नहीं है. आपको यहीं पर समझदारी से काम करने की ज़रूरत होती है. आपको अपने डर को नोट डाउन करना चाहिए. इसके बाद आपको ये सोचना चाहिए कि इन फीयर्स को दूर कैसे किया जा सकता है? इसी के साथ-साथ आपको खुद को एहसास दिलाते रहना चाहिए कि ये डर की कोई औकात नहीं है. एग्जाम्पल के लिए अगर आपको डर लग रहा है कि नए प्रोजेक्ट की शुरुआत करने की वजह से आपकी नौकरी छूट जाएगी. तो फिर उस डर को नोट डाउन करिए. इसके बाद आप इमेजिन करिए कि आपके साथ सबसे बुरा क्या हो सकता है? इसके लिए आप ऐसा भी सोच सकते हैं कि आपको सड़कों में सोना पड़ रहा है. 

अब आप सोचिए कि क्या ऐसा हो सकता है? बहुत चांस है कि ऐसा कभी नहीं हो सकता है. आपको इसलिए कहा गया था कि अपने डर को नोट डाउन करने की कोशिश करिए. अगर आप ऐसा करेंगे तो आपको पता चलेगा कि आपके डर में ज़रा सा भी दम नहीं था. इस तरह का बिना दम का डर आपको रोक रहा था. अगर आप इस डर के चक्कर में पड़ेंगे तो लाइफ में कुछ नहीं कर पाएंगे. इसलिए कहा भी गया है कि अगर फियर से डील करना है. तो फिर उसके साथ माइंड गेम खेलना पड़ेगा. अगर आप माइंड गेम खेलना सीख लेंगे तो फिर लाइफ आपके लिए काफी ज्यादा आसान हो जाएगी. आपको जिस भी चीज़ या सिचुएशन से डर लगता है. उसी को करने की कोशिश करिए, अपने डर का सामना करने की कोशिश करिए. फौलादी सीना है, वो किस लिए है? उसकी मदद लीजिए और डर के सामने जाकर उससे बोलिए कि “मैं यहीं हूँ, जो करना है कर लो.”

जैसा कि आपको पता ही होगा कि रिज़ल्ट के ऊपर आपका कंट्रोल नहीं है. लेकिन उस रिज़ल्ट के लिए एफर्ट करना आपके बस में है. हो सकता है कि एफर्ट्स से रिज़ल्ट में बदलाव आ जाए. इसलिए लाइफ में कभी भी एफर्ट्स करने से पीछे मत हटियेगा. आप नहीं जानते हैं कि आने वाले समय में क्या होने वाला है? लेकिन आप इस समय का फायदा ज़रूर उठा सकते हैं. इसलिए लेखक कहते हैं कि “आप जो कुछ भी करना चाहते हैं, उसे ज़रूर करना चाहिए.” अपने ड्रीम्स का पीछा करना कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए. सपने देखिए और उन्हें पूरा करने के लिए एफर्ट्स लेना कभी नहीं भूलना चाहिए. यहाँ पर आप ‘सेगवे’ का एग्जाम्पल देख सकते हैं. जब ये कंपनी लॉन्च हुई थी. तब मार्केट में सभी को लगा था कि ये ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर को बदलकर रख देगी. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, ये स्टार्ट-अप बुरी तरह फ्लॉप हुआ था. लेकिन फिर भी कंपनी के ओनर्स की काफी इज्जत की जाती है. इसके पीछे का रीज़न यही है कि उन्होंने अपने सपने को पीछे नहीं छोड़ा था. रिस्क होने के बावजूद उन्होंने कंपनी को लॉन्च किया था. इसका पॉजिटिव रिज़ल्ट भी उन्हें बाद में देखने को मिला था. अगर आप सपना देख सकते हैं तो फिर उसे पूरा भी कर सकते हैं.

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