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Tag: #AShraddhalikethistoo||एक श्राद्ध ऐसा भी|Gyanbajar
ब्रह्म मुहूर्त में उठने की परंपरा क्यों ?
रात्रि के अंतिम प्रहर को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।सूर्योदय से चार घड़ी (लगभग डेढ़ घण्टे) पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में…
A Shraddha like this too||एक श्राद्ध ऐसा भी|Gyanbajar
A Shraddha like this too||एक श्राद्ध ऐसा भी|Gyanbajar ” एक बार नरसी मेहता के बडे भाई वंशीधर नरसी जी के घर आये । पिता जी का वार्षिक श्राद्ध करना था। वंशीधर ने नरसी जी से कहा- “कल पिता जी का वार्षिक श्राद्ध करना है। कहीं अड्डेबाजी मत करना। बहु को लेकर मेरे यहाँ आ जाना।…