Life changing thoughts Moral of the Story अनुभवी बुद्धिमान मंत्री/Experienced wise minister/

अनुभवी बुद्धिमान मंत्री/Experienced wise minister/

  • अनुभवी बुद्धिमान मंत्री

    —————————————————

    पुराने जमाने की बात है। एक राजा ने दूसरे राजा के पास एक पत्र और सुरमे की एक छोटी सी डिबिया भेजी।

  • पत्र में लिखा था कि जो सुरमा भिजवा रहा हूं, वह अत्यंत मूल्यवान है। इसे लगाने से अंधापन दूर हो जाता है।

  • राजा सोच में पड़ गया। वह समझ नहीं पा रहा था कि इसे किस-किस को दे।

  • उसके राज्य में नेत्रहीनों की संख्या अच्छी-खासी थी, पर सुरमे की मात्रा बस इतनी थी जिससे दो आंखों की रोशनी लौट सके।

  • राजा इसे अपने किसी अत्यंत प्रिय व्यक्ति को देना चाहता था।

    तभी राजा को अचानक अपने एक वृद्ध मंत्री की स्मृति हो आई।

  • वह मंत्री बहुत ही बुद्धिमान था, मगर आंखों की रोशनी चले जाने के कारण उसने राजकीय कामकाज से छुट्टी ले ली थी और घर पर ही रहता था।

  • राजा ने सोचा कि अगर उसकी आंखों की ज्योति वापस आ गई तो उसे उस योग्य मंत्री की सेवाएं फिर से मिलने लगेंगी।

  • राजा ने मंत्री को बुलवा भेजा और उसे सुरमे की डिबिया देते हुए कहा, ‘इस सुरमे को आंखों में डालें। आप पुन: देखने लग जाएंगे। किन्तु ध्यान रहे यह केवल 2 आंखों के लिए है।’

  • मंत्री ने एक आंख में सुरमा डाला।

    उसकी रोशनी आ गई। उस आंख से मंत्री को सब कुछ दिखने लगा।

  • फिर उसने बचा- खुचा सुरमा अपनी जीभ पर डाल लिया।

  • यह देखकर राजा चकित रह गया। राजा ने उस मंत्री से पूछा, ‘यह आपने क्या किया?

  • अब तो आपकी एक ही आंख में रोशनी आ पाएगी। लोग आपको काना कहेंगे।’

  • मंत्री ने जवाब दिया, ‘राजन, चिंता न करें। मैं काना नहीं रहूंगा। मैं आंख वाला बनकर हजारों नेत्रहीनों को रोशनी दूंगा।

  • मैंने चखकर यह जान लिया है कि सुरमा किस चीज से बना है। मैं अब स्वयं सुरमा बनाकर नेत्रहीनों को बांटूंगा।’

  • राजा ने मंत्री को गले लगा लिया और कहा, ‘यह हमारा सौभाग्य है कि मुझे आप जैसा मंत्री मिला।

  • अगर हर राज्य के मंत्री आप जैसे हो जाएं तो किसी को कोई दुख नहीं होगा

    संकलित पौराणिक कथाएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Post

भगवान विष्णु जी और नारद मुनि जी पौराणिक कथाभगवान विष्णु जी और नारद मुनि जी पौराणिक कथा

एक बार नारद मुनि जी ने भगवान विष्णु जी से पुछा, हे भगवन आप का इस समय सब से प्रिया भगत कोन है?, अब विष्णु तो भगवान है, सो झट

जब एक कुत्ते ने प्रभुश्रीरामचंद्रजी से न्याय का एक अनोखा दण्ड माँगा,भगवान इसे मठाधीश बना दिया जाए।’जब एक कुत्ते ने प्रभुश्रीरामचंद्रजी से न्याय का एक अनोखा दण्ड माँगा,भगवान इसे मठाधीश बना दिया जाए।’

जब एक कुत्ते ने प्रभुश्रीरामचंद्रजी से न्याय का एक अनोखा दण्ड माँगा,भगवान इसे मठाधीश बना दिया जाए।’ लंकाधीश रावण का वध करने के साथ ही प्रभु श्रीरामचन्द्र जी का वनवास

भगवान का काम संकलित — पौराणिक कथाभगवान का काम संकलित — पौराणिक कथा

एक बार एक राजा ने अपने दरबारी मंत्रियों से पूछा, प्रजा के सारे काम मे करता हूँ, उनको अन्न में देता हूँ रोजगार में देता हूँ उनकी बेटियों के विवाह