“कौन बोल रहे हो, भाई? (आज का सच)

“कौन बोल रहे हो, भाई? (आज का सच)

😂😂एक साहब शर्ट खरीदने हेतु एक प्रतिष्ठित शो रूम के लिए अपनी गाड़ी से जा रहे थे कि अचानक उनकी फोन की घण्टी घनघना उठी,“सर, चंदन होटल से बोल रहे हैं, हमारे यहाँ गुजराती-फ़ूड-फेस्टिवल चल रहा है।

पिछली बार भी आप आये थे। आप विजिटर बुक में अच्छे कमेंट्स देकर गए थे, सर!”“देखता हूँ”, कहकर उसने फोन बंद कर दिया। गाड़ी, थोड़ी आगे चली ही होगी कि फिर से एक कॉल आया,
“सर, आपके जूते घिस गए होंगे। नए ले लीजिए,भारी डिस्काउंट चल रहा है।”
“कौन बोल रहे हो, भाई?

आपको कैसे पता चला मेरे जूते घिस गए हैं?””सर, मैं चंद्रकला फुटवियर से बोल रहा हूँ। हमारी दुकान से आपने दो साल पहले जूते खरीदे थे। हमारा कंप्यूटर बता रहा है आपके जूते फट रहे होंगे या फटने ही वाले होंगे!””भैया, क्या ये जरुरी है कि मेरे पास एक जोड़ी जूते ही हों? वक़्त-बेवक्त इस तरह फोन करना कहाँ की सभ्यता है, मेरे भाई?”,

कह कर फिर फोन काट दिया।फोन काटा ही था कि घण्टी वापस घनघना उठी,“सर, आपकी गाड़ी की सर्विसिंग बाकी रह गई है,चार महीने हो गए हैं।””भाई, आपको क्यों परेशानी हो रही है? मेरी गाड़ी की मैं सर्विसिंग करवाऊँ या न करवाऊँ?
मेरी मर्ज़ी।कोई प्राइवेसी नाम की भी चीज़ होती है, दुनिया में?”गुस्से में उसने फोन काट तो दिया पर वो एक बार फिर बज उठा,

“सर, कल राउडी राठौर की आइनॉक्स में इवनिंग शो की टिकट बुक कर दूँ।”इस बार एक लड़की थी।”क्यूँ मैडम?””सर, हमारा सिस्टम बता रहा है कि आप अक्षय कुमार की हर मूवी देखते हैं, इसलिये!”
वो मना करते-करते थक चुका था, सो पीछा छुड़ाते हुए बोला, “चलो, बुक कर दो।” “ठीक है, सर! मैं मोबाइल नम्बर नाइन नाइन टू….. वाली मैडम को भी बता देती हूँ।

हमारा सिस्टम बता रहा है वो हमेशा आपके साथ टिकट बुक कराती रही हैं।”अब तो वो घबरा गया, “आप रहने दीजिए।” कहते हुये उसने एक बार फिर फोन काट दिया।शो रूम पहुँचकर उसने एक शर्ट खरीदी। बिल काउंटर पर गया तो उसने पूछा,
“सर, आपका मोबाइल नम्बर??””मैं नहीं दूँगा।”
“सर, मोबाइल नंबर देने से आपको 30% लॉयल्टी डिस्काउंट मिलेगा।

“”भाई, भले ही मेरे प्राण माँग लो, लेकिन मोबाइल नम्बर नहीं दूँगा।” उसने गंभीरता औऱ गुस्से से जवाब दिया।”सर, इतनी नाराजगी क्यों?””इस मोबाइल के चक्कर में मेरी प्रायवेसी की ऐसी की तैसी हो गई है। मेरा नम्बर, पता नहीं कितनों में बँट गया है?कल को नाई कहेगा, “सर, आपके बाल दाढ़ी बहुत बढ़ गए होंगे चले आइए बनवाने…!”

मुझे तो डर है की 75 की उम्र आते आते अर्थी वाला भी ये न कह दे कि “सर…आज के दौर और बच्चों का कोई भरोसा नहीं है….इसलिए अंतिम यात्रा के लिए एक सुन्दर-सी अर्थी फूल माला सहित बुक करवा लीजिये अभी 50 % डिस्काउंट दे देंगे”……….!!


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *