एक दिन कॉलेज में प्रोफेसर ने विद्यर्थियों से पूछा -इस संसार में जो कुछ भी है उसे भगवान ने ही बनाया है न?सभी ने कहा,“हां भगवान ने ही बनाया है।“ प्रोफेसर ने कहा कि इसका मतलब ये हुआ कि बुराई भी भगवान की बनाई चीज़ ही है।    प्रोफेसर ने इतना कहा तो एक विद्यार्थी उठ खड़ा हुआ और उसने कहा कि इतनी जल्दी इस निष्कर्ष पर मत पहुंचिए सर। प्रोफेसर ने कहा,क्यों? अभी तो सबने कहा है कि सबकुछ भगवान का ही बनाया हुआ है फिर तुम ऐसा क्यों कह रहे हो?विद्यार्थी ने कहा कि सर।    मैं आपसे छोटे-छोटे दो सवाल पूछूंगा। फिर उसके बाद आपकी बात भी मान लूंगा।प्रोफेसर ने कहा,”तुम सवाल पर सवाल  करते हो । खैर पूछो।विद्यार्थी ने पूछा,”सर क्या दुनिया में ठंड का कोई वजूद है?”प्रोफेसर ने कहा,बिल्कुल है। सौ फीसदी है। हम ठंड को महसूस करते हैं।विद्यार्थी ने कहा,”नहीं सर,ठंड कुछ है ही नहीं। ये असल में गर्मी की अनुपस्थिति का अहसास भर है। जहां गर्मी नहीं होती,वहां हम ठंड को महसूस करते हैं।”प्रोफेसर चुप रहे।विद्यार्थी ने फिर पूछा,”सर क्या अंधेरे का कोई अस्तित्व है?”प्रोफेसर ने कहा,”बिल्कुल है।   रात को अंधेरा होता है।”विद्यार्थी ने कहा,”नहीं सर। अंधेरा कुछ होता ही नहीं। ये तो जहां रोशनी नहीं होती वहां अंधेरा होता है।प्रोफेसर ने कहा,”तुम अपनी बात आगे बढ़ाओ।विद्यार्थी ने फिर कहा “सर आप हमें सिर्फ लाइट एंड हीट (प्रकाश और ताप) ही पढ़ाते हैं।   आप हमें कभी डार्क एंड कोल्ड (अंधेरा और ठंड) नहीं पढ़ाते। फिजिक्स में ऐसा कोई विषय ही नहीं। सर,ठीक इसी तरह ईश्वर ने सिर्फ अच्छा-अच्छा बनाया है। अब जहां अच्छा नहीं होता,वहां हमें बुराई नज़र आती है। पर बुराई को ईश्वर ने नहीं बनाया।   ये सिर्फ अच्छाई की अनुपस्थिति भर है।दरअसल दुनिया में कहीं बुराई है ही नहीं। ये सिर्फ प्यार,विश्वास और ईश्वर में हमारी आस्था की कमी का नाम है। ज़िंदगी में जब और जहां मौका मिले अच्छाई बांटिए। अच्छाई बढ़ेगी तो बुराई होगी ही नहीं।,

By REEMA SRIVASTAVA

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