“जैसे! ” सिद्धांत का इस्तेमाल करें ।

“जैसे! ” सिद्धांत का इस्तेमाल करें ।

कई साल पहले मशहूर मनोवैज्ञानिक विलियम जेम्स ने अपने मशहूर “जैसे सिद्धांत की घोषणा की। उन्होंने कहा, “अगर आप अपने भीतर कोई गुण विकसित करना चाहते हों, तो इस तरह काम करें, जैसे आपमें वह गुण पहले से ही मौजूद हो।” “जैसे” तकनीक को आज़माकर देखें। यह शक्तिशाली है। यह कारगर है।

मिसाल के तौर पर, हम यह मान लेते हैं कि आप संकोची ओर दब्बू किस्म के इंसान हैं तथा दुखद हीन भावना से ग्रस्त हैं। सामान्य बहिर्मुखी इंसान में बदलने का तरीक़ा खुद को उस रूप में देखना नहीं है, जैसे आप इस वक़्त हैं। इसका तरीक़ा तो उस स्वरूप की तस्वीर देखना है, जेसे आप बनना चाहते हैं। आत्मविश्वासी व्यक्ति बनने की तस्वीर देखें, जो हर तरह के लोगों और स्थितियों से बखूबी निबट सकता है।

आप जैसे बनना चाहते हैं, उसकी छवि जब आपकी चेतना की गहराई में चली जाए तो फिर जान-बूझकर आत्मविश्वासी अंदाज में काम करने लगे जैसे आप स्थितियों और व्यक्तिगत संबंधों के हर पहलू से निपटने में सक्षम हो या मानव स्वभाव का आजमाया हुआ नियम है कि आप जिस रूप में अपनी कल्पना करते हैं” और उस मान्यता के आधार पर जिस तरह काम करते हैं वक्त के साथ आपको वैसे ही बनते जाएंगे बशर्ते आप इस प्रक्रिया में लगन से काम करते रहें


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