एक दंपत्ति था,वो एक प्यारे से घर मे अपने एक बेटे लिए साथ रहते थे।उनके बेटे का नाम राकेश था।वे हमेशा खुशी से रहते थे और उनका बेटा राकेश एक युवा लड़का था और उसकी शादी की उम्र हो चुकी थी।एक दिन दोनो पति और पत्नी ने राकेश कि शादी करने का फैसला किया।

कुछ दिनों बाद राकेश की धूमधाडके से शादी सम्पन्न हुई।शादी के बाद कुछ दिनो तक राकेश उसकी पत्नी और राकेश के मातापिता सभी लोग हशिखुशी रहे।लेकिन उसके बाद राकेश के लिए अपने मातापिता बोझ लगने लगे।वो अपने माता-पिता से चिढ़ने लगा।इसी बिच जब एक दिन उसके पिता की मृत्यु हो गई।पिता की मृत्यु के बाद राकेश ने अपनी माँ को वृद्धाश्रम भेजने का फैसला किया।

और दो जोड़ी कपड़ो के साथ माँ द्वारा वृद्धाश्रम नहीं जाने के इच्छा व्यक्त करने के बावजूद जबरदस्ती उन्हें वृद्धाश्रम भेज दिया।राकेश ने अपनी माँ कों एक ऐसे वृद्धाश्रम भेज दिया था,जहां शायद जीवन जिने की मूलभूत सुविधाएं तक मौजूद नही थी।
माँ कों वृद्धाश्रम छोड़ने के बाद राकेश सप्ताह में एक बार अपनी मां से मिलने वृद्धाश्रम जाता था।

एक दिन राकेश जब अपने घर मे सोफा पर बैठके आराम फरमा रहा था,तभी उसे वृद्धाश्रम से phone आता है।
phone की दूसरी तरफ दूसरा कोई नही उसकी माँ बात कर रही होती है।वो राकेश से कहती है की “बेटा जल्दी मेरे पास आ जा मेरे पास ज्यादा वक्त नही बचा है।”
दरअसल कुछ दिनों से उसकी माँ गंभीर रूप से बीमार थी अभी उसके जीवन के कुछ घंटे ही बचे थे।

वह तुरंत उस वृद्धाश्रम मे पहुँचता है और देखता है की उसकी माँ बिस्तर पर लेटे हुए अपने जीवन के अंतिम क्षण गिन रही है।
पास ही खड़ी एक महिला उसे बताती है की जब से तुम्हारी माँ बीमार पड़ी है,सिर्फ तुम्हे ही याद करती रहती है।”यह सब सुनने के बाद जिसे अपने माता पिता से चिढ आने लगी थी ।
अब उसे खुदपर चिढ आ रही थी।उसका दिल तिलमिलाते हुए कह रहा था कि उसकी माँ ने तो उसके साथ ऐसा व्यवहार कभी नहीं किया था जैसा उसने हमेशा उसकी माँ के साथ किया है।
वो रोते हुए माँ से पूछता है की माँ मैने तो तुम्हारे उपर इतने जुल्म किये फिर भी तु मुझसे इतना प्यार करती है!क्यू माँ?

इस पर उसकी माँ बोलती है,की “बेटा,यहाँ के कमरों में कुछ पंखे लगवा दो, क्योंकि इस घर के किसी भी कमरे में पंखा नहीं है। और यहां रहने वाले बुजुर्गों के लिए फ्रिज भी खरीद कर दे दो। कई बार यहां रहने वाले लोगों को बिना खाना खाए सोना पड़ता है क्योंकि फ्रिज न होने से कई बार खाना खराब हो जाता है। और बेटा इसी वजह से मुझे भी कई दिन बिना खाए सोना पड़ा था।

“माँ की बोली गई बातो से राकेश हैरान हो गया और माँ पूछा कि “आज तुम मुझसे ये सब क्यों मांग रही हो जबकि तुम्हारे पास केवल कुछ ही घंटे बचे हैं। माँ ने जवाब दिया कि बेटा,” बेटा मुझे चिंता ना तो मेरी है और नाही इन सभी बुजुर्ग लोगो की। मुझे चिंता है तुम्हारी।जब तुमभी बूढ़े हो जाओगे तब तुम्हारा भी बेटा एक दिन तुम्हें यहाँ भेजेगा तो तुम यहाँ आराम से नहीं रह पाओगे।

इसलिए, मैं चाहती हूं कि तुम्हारे यहां आने से पहले सब कुछ ठीक हो जाए। मां की ये बातें सुनकर बेटे का दिल सहज गया।उसे अपनी गलती का एहसास तो हो गया था,लेकिन तबतक देर हो चुकी थी !!
दोस्तो आप दुनिया की महंगी से महंगी गाड़ी खरीदलो,महंगे से महंगा बंगला खरीदलो।दुनिया भर का ऐशोाराम खरीदलो।लेकिन माँ बाप के प्यार से बड़ा ऐशोाराम दुनिया मे आपको कही नही मिलेगा

,यह हमेशा याद रखना।इसीलिए अपने माँ पिता की जमकर सेवा करो।आपको पुण्य जरूर प्रदान होगा।

By REEMA SRIVASTAVA

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